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Title : Yeh Kiska Tasavvur Hai
Album : Muntazir
Singer : Jagjit Singh
Lyrics : Jigar Muradabadi

ये किसका तस्सवूर है, ये किसका फ़साना है,
जो अश्क़ हैं आंखों में तसबीह का दाना है.

जो उन पे गुज़रती है, किसने उसे जाना है,
अपनी ही मुसीबत है, अपना ही फ़साना है.

आंखों में नमी सी है, चुप चुप से वो बैठे है,
नाज़ुक सी निग़ाहों में, नाज़ुक सा फ़साना है.

ये इश्क़ नहीं आसां, इतना तो समझ लीजे,
इक आग का दरिया है, और डूब के जाना है.

या वो थे ख़फ़ा हमसे, या हम हैं ख़फ़ा उनसे,
कल उनका ज़माना था, आज अपना ज़माना है.

- जिगर मुरादाबादी

तस्सवूर = कल्पना, ध्यान, विचार
तसबीह = जप करने की माला, जपमाला